Affiliate Marketing Kya Hai

एफिलिएट मार्केटिंग क्या है | Affiliate Marketing Kya Hai in Hindi (संपूर्ण जानकारी)

क्या आप जानना चाहते हैं, एफिलिएट मार्केटिंग क्या है (Affiliate Marketing Kya Hai)?

एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate marketing), किसी व्यक्ति या कंपनी के, वस्तु या सेवाओं को, प्रमोट करने या बिकवाने पर कमीशन प्राप्त करने के प्रक्रिया को कहा जाता है। यह डिजिटल मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण रणनीति है।

एफिलिएट मार्केटिंग, न केबल व्यवसायों को अपने बिक्री बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है, बल्कि एफिलिएट मार्केटिंग करने वालों के लिए, पैसे कमाने का एक बहुत अच्छा जरिया भी है।

आपका रुपैया के आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बिस्तार में समझाएंगे, एफिलिएट मार्केटिंग क्या है। यह कैसे और कब शुरू हुआ, यह काम कैसे करता है, इसके कितने प्रकार हैं और क्या-क्या, वह कौन से प्लेटफार्म है जिनमे आपको एफिलिएट मार्केटिंग करना चाहिए, इसके लाभ तथा इसमें आने वाले चुनौतियां और इसमें सफलता पाने के लिए कुछ बेहतरीन टिप्स।

तो चलिए, शुरू करते हैं:

Table of Contents

एफिलिएट मार्केटिंग इंडस्ट्री: शुरुआत कब और कैसे हुई

Affiliate Marketing Kya Hai
Affiliate Marketing Kya Hai

एफिलिएट मार्केटिंग की शुरुआत, 1996 में अमेजॉन (amazon) के द्वारा किया गया था। इस प्रोग्राम के जरिए, अमेजॉन कंपनी ने, अपने प्रोडक्ट्स को आगे बिकवाने पर कमीशन देना शुरू किया।

वैसे तो ऑफलाइन मार्केट में, इस प्रक्रिया का प्रयोग, बहुत पहले से हो रहा है।

व्यापारी, फेरी बालों को अपना सामान बेचने देते हैं और बदले में उन्हें कमीशन देते हैं। लेकिन इंटरनेट ने इस प्रक्रिया को ऑटोमेटेड और ग्लोबल बना दिया।

2000 के दशक में जब ऑनलाइन शॉपिंग में बुम आया, तो एफिलिएट मार्केटिंग भी तेजी से विकसित होने लगा। नए-नए एफिलिएट नेटवर्क्स और प्रोग्राम्स बाजार में आए, जैसे ClickBank, Commission Junction, और ShareASale, जिन्होंने एफिलिएट्स के लिए कई विकल्प और अवसर प्रदान किए।

एफिलिएट मार्केटिंग के नए-नए अवसरों के कारण छोटे वेबसाइट्स तथा ब्लॉगर भी पैसे कमाने लगे।



जैसे-जैसे डिजिटल मार्केटिंग और विकास करता गया, इसके टूल्स जैसे ट्रैकिंग सिस्टम्स, कुकीज, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एफिलिएट मार्केटिंग में भी सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। आज यह डिजिटल मार्केटिंग का भविष्य है और करोड़ों की इंडस्ट्री है।

एफिलिएट मार्केटिंग क्या है और कैसे करें

एफिलिएट मार्केटिंग क्या है
एफिलिएट मार्केटिंग क्या है

एफिलिएट मार्केटिंग के तीन प्रमुख हिस्से होते हैं;

  1. व्यापारी (merchant)
  2. एफिलिएट (affiliate)
  3. ग्राहक (customer)

व्यापारी

व्यापारी वह है जिसे कोई वस्तु या सेवा बेचना है। व्यापारी एफिलिएट्स (जो एफिलिएट मार्केटिंग करता है) को अपने वस्तु, या सेवाओं को, प्रमोट या बेचने के लिए नियुक्त करता है। बदले में उन्हें कमीशन देता है।

एफिलिएट

एफिलिएट उस व्यक्ति या संगठन को कहते हैं, जो व्यापारी के वस्तु या सेवाओं को प्रमोट करता है, अथवा आगे बिकवाता है।

एफिलिएट्स के पास अपनी वेबसाइट, ब्लॉग, यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया अकाउंट्स, या किसी अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑडियंस होती है।

व्यापारी द्वारा, एफिलिएट को एक यूनिक एफिलिएट लिंक दिया जाता है। इस लिंक को वह अपने कंटेंट के जरिए दूसरों के साथ साझा करता है।

जब कोई व्यक्ति एफिलिएट लिंक के जरिए खरीदारी करता है, तो एफिलिएट को एक पूर्व निर्धारित कमीशन प्राप्त होता है

ग्राहक

ग्राहक वह व्यक्ति है, जो शेयर किए गए एफिलिएट लिंक से उस वस्तु या सेवा को खरीदना है।

कभी भी ग्राहक को किसी एफिलिएट लिंक से किसी सामग्री या सेवा को खरीदने से कोई अतिरिक्त शुल्क देना नहीं होता। उल्टा अक्सर एफिलिएट्स कुछ डिस्काउंट दे दिया करते हैं, अगर कोई उनके एफिलिएट लिंक से कुछ खरीदे तो।



एफिलिएट मार्केटिंग से संबंधित कुछ अतिरिक्त जानकारी;

  • एफिलिएट लिंक; एफिलिएट लिंक ट्रैकेबल होता है, अर्थात इस लिंक से किसने, कब, क्या खरीदा वह उस लिंक के मालिक को पता चल जाता है।
  • कुकीज: एफिलिएट मार्केटिंग में कुकीज का प्रयोग किया जाता है। यह कुकीज प्रयोग करता के ब्राउज़र में स्टोर हो जाता है। यह कुकी कुछ दिनों से लेकर 90 दिनों तक एक्टिव रह सकता है। इस दौरान जब भी वह व्यक्ति खरीदारी करता है तो उसका कमीशन एफिलिएट को मिल जाता है।
  • एफिलिएट नेटवर्क; कभी-कभी एफिलिएट मार्केटिंग के पूरे प्रक्रिया को एफिलिएट नेटवर्किंग के जरिए भी किया जाता है। इसके जरिए व्यापारी, एफिलिएट और ग्राहक, सभी का काम आसान हो जाता है।
  • ट्रैकिंग और पेमेंट; ट्रैकिंग से पेमेंट जुड़ा है। व्यापारी या एफिलिएट नेटवर्क अपने ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए ट्रैक करता है कि किस एफिलिएट ने कितने सेल्स या लीड्स लाए। फिर उसी के आधार पर एक निर्धारित समय के बाद उसका कमीशन उसे दे दिया जाता है।

एफिलिएट मार्केटिंग का उदाहरण

अब जैसे कि मैं खुद अमेजॉन का एफिलिएट मार्केटिंग करता हूं। Amazon ने मुझे एक यूनिक एफिलिएट लिंक दे रखा है।

मेरे खुद के वेबसाइट्स हैं, जिनमे मैं भिन्न-भिन्न विषयों पर ब्लॉग्स लिखता हूं। उन ब्लॉग्स के बीच-बीच में मैं अपना अमेजॉन का एफिलिएट लिंक लगता हूं।

जब भी कोई मेरे ब्लॉग्स को पड़ता है, और उसमें दिए गए एफिलिएट लिंक के जरिए amazon मे जाकर कुछ खरीद लेता है, तो मुझे उसका कमीशन मिलता है।



एफिलिएट मार्केटिंग के प्रकार

विभिन्न प्रकार के कमीशन मॉडल के आधार पर, एफिलिएट मार्केटिंग को भी अनेकों प्रकार में विभाजित किया जा सकता है। इसके कुछ प्रमुख प्रकार इस टेबल में बताए गए हैं:

एफिलिएट मार्केटिंग के प्रकारकैसे काम करता हैउदाहरणलाभचुनौतियां
Pay Per Sale (PPS)एफिलिएट को तब कमीशन मिलता है जब ग्राहक उनके लिंक के माध्यम से प्रोडक्ट खरीदता है।अमेजन एफिलिएट प्रोग्रामविश्वसनीय मॉडल, क्योंकि कमीशन बिक्री पर आधारित होता है।कन्वर्ज़न दरें बढ़ाना मुश्किल हो सकता है।
Pay Per Click (PPC)एफिलिएट को कमीशन लिंक पर क्लिक होने पर मिलता है, चाहे ग्राहक खरीदारी करे या न करे।गूगल एडसेंससिर्फ क्लिक पर कमीशन मिलता है।क्लिक तो मिल सकते हैं, लेकिन बिक्री की गारंटी नहीं होती।
Pay Per Lead (PPL)एफिलिएट को कमीशन तब मिलता है जब ग्राहक उनके लिंक से कोई कार्रवाई पूरी करता है, जैसे फॉर्म भरना।सॉफ़्टवेयर कंपनी का साइन-अप फॉर्मबिक्री के बिना भी कमीशन प्राप्त हो सकता हैसही और वैध लीड्स प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
Revenue Sharing (RevShare)एफिलिएट को ग्राहक की खरीदारी के आधार पर राजस्व का हिस्सा मिलता हैवेब होस्टिंग कंपनियों द्वारा सदस्यता का हिस्सा देनालंबे समय तक आय का स्रोतग्राहक को आकर्षित करना और सदस्यता का नवीनीकरण सुनिश्चित करना मुश्किल हो सकता है
Cost Per Action (CPA)एफिलिएट्स को ग्राहक द्वारा कोई विशेष कार्रवाई पूरी करने पर भुगतान मिलता हैफॉर्म भरना, वीडियो देखनाविभिन्न प्रकार की क्रियाओं के लिए भुगतान प्राप्त करनाकार्रवाई प्राप्त करने के लिए सही ऑडियंस टार्गेट करना
Two-Tier Affiliate Marketingएफिलिएट्स अन्य एफिलिएट्स को नेटवर्क में जोड़कर भी कमीशन कमा सकते हैं।एफिलिएट नेटवर्क्सअन्य एफिलिएट्स को जोड़ना और उन्हें सक्रिय रखना चुनौती हो सकता है।
एफिलिएट मार्केटिंग के प्रकार

सबसे बेहतर एफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम्स

एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए, सबसे पहले आपको एक सही प्लेटफॉर्म चुनना होगा। कमीशन, ट्रैकिंग, पेमेंट तथा लोकप्रियता के आधार पर हमने यहां कुछ कंपनियों को चुना है जिनका एफिलिएट मार्केटिंग करना बाकियों से बेहतर है।

अमेजॉन एसोसिएट (Amazon Associates)

अमेजॉन अपने सामग्रियों के बिक्री के आधार पर एफिलिएट्स को 1% से लेकर 10% तक कमीशन देता है।

Amazon के एफिलिएट बनने के फायदे:

  • इसके एफिलिएट प्रोग्राम को ज्वाइन करना आसान है।
  • यह एक विश्वसनीय ब्रांड है और इसमें भिन्न-भिन्न सामग्रियों की भरमार है।
  • हर प्रकार के एफिलिएट्स के लिए उपयुक्त है, चाहे बड़े हों या छोटे।

क्लीकबैंक (ClickBank)

क्लिकबैंक की शुरुआत 1998 में हुई थी और यह विशेष रूप से डिजिटल सामग्रियों के एफिलिएट के लिए जाना जाता है। आप इनके ई-बुक्स, कोर्सेज, सॉफ्टवेयर आदि का एफिलिएट मार्केटिंग कर सकते हैं।

कमीशन की बात करें तो, क्लीकबैंक अपने सामग्रियों के बिक्री पर 50% से लेकर 75% तक का कमीशन देता है।

ClickBank के एफिलिएट बनने के फायदे

  • कमीशन बहुत ज्यादा है।
  • डिजिटल प्रोडक्ट्स है, शिपिंग का कोई झमेला नहीं।
  • सभी एफिलिएट्स के लिए फायदेमंद, खासकर डिजिटल मार्केटर्स के लिए।



ShareASale

ShareASale पर आप अलग-अलग व्यापारियों के लिए एफिलिएट मार्केटिंग कर सकते हैं। यह व्यापारियों के आधार पर एफिलिएट मार्केटिंग करने का अवसर देता है।

यह प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न व्यापारियों के आधार पर अलग-अलग कमीशन दरें प्रदान करता है। एफिलिएट्स को प्रोडक्ट्स या सेवाओं की बिक्री पर कमीशन मिलता है। लेकिन पेमेंट थ्रेशोल्ड $50 है जो अपेक्षाकृत अधिक है।

ShareASale के एफिलिएट बनने के फायदे

  • बड़े संख्या में व्यापारी है, तो आपके पास विकल्प बहुत ज्यादा रहता है।
  • यूजर इंटरफेस सरल है।
  • विभिन्न कैटेगरी में प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जिनसे एफिलिएट्स अपनी पसंद के अनुसार चयन कर सकते हैं।

कमीशन जंक्शन (Commission Junction) CJ Affiliate

CJ Affiliate एक बड़ा एफिलिएट नेटवर्क है। इसमें विभिन्न ब्रांड्स और व्यापारियों के हिसाब से कमीशन दरें तय होती हैं।

CJ Affiliate का एफिलिएट बनने के फायदे

  • बड़े और प्रतिष्ठित ब्रांड्स के साथ काम करने का अवसर मिलता है।
  • ट्रैकिंग तथा एनालिटिक्स उच्च कोटि का है।
  • विभिन्न देशों और बाजारों के एफिलिएट्स के लिए उपयुक्त है।

इनके अलावा भी और बहुत सारे, कंपनियां, व्यवसाय तथा एफिलिएट नेटवर्क है, जिनमें अच्छा खासा कमीशन भी मिलता है और उनका एफिलिएट करना भी आसान है। Myntra, Flipkart आदि के एफिलिएट प्रोग्राम है, जिनमे रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले सामग्री बिकते हैं। इनका एफिलिएट प्रोग्राम ज्वाइन करके आप ठीक-ठाक कमाई कर सकते हैं।

एफिलिएट मार्केटिंग के फायदे

डिजिटल युग में एफिलिएट मार्केटिंग एक बहुत अच्छा कमाई का जरिया है। बहुत ही कम निवेश में, आप बहुत ज्यादा पैसा कमा सकते हैं।

पर इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए, आपमे मार्केटिंग की कला होनी चाहिए।

एफिलिएट मार्केटिंग करने के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार है:

1. शुरुआत में कम निवेश की आवश्यकता

एफिलिएट मार्केटिंग शुरू करने के लिए किसी निवेश की आवश्यकता नहीं होती। ज्यादातर एफिलिएट प्रोग्राम को ज्वाइन करना निशुल्क होता है।

हां, अपने एफिलिएट लिंक को प्रमोट करने के लिए आपको किसी वेबसाइट, ब्लॉग या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है, जिसमें कुछ निवेश लग सकता है।

यह छोटे व्यवसायों और नए डिजिटल मार्केटर्स के लिए आदर्श है, क्योंकि इसे आप अपने मौजूदा संसाधनों के साथ आसानी से शुरू कर सकते हैं।

2. कोई प्रोडक्ट बनाने की आवश्यकता नहीं

एफिलिएट्स को अपने खुद के प्रोडक्ट्स बनाने या उन्हें स्टॉक में रखने की जरूरत नहीं होती। आप पहले से ही उपलब्ध उत्पादों को प्रमोट करके कमीशन कमा सकते हैं। इससे प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग, शिपिंग, और कस्टमर सर्विस की जटिलताओं से बचा जा सकता है।

3. समय और स्थान की स्वतंत्रता

सबसे बड़ी बात तो यह है, कि आप एफिलिएट मार्केटिंग कभी भी, कहीं से भी कर सकते हैं। आपको किसी ऑफिस में बैठने की जरूरत नहीं, सारा काम तो आप अपने लैपटॉप, या मोबाइल से ही कर लेंगे।

यह उन लोगों के लिए आकर्षक है जो फुल-टाइम नौकरी के साथ साइड इनकम कमाना चाहते हैं या घर से काम करना चाहते हैं।

4. पैसिव इनकम का जरिया

एफिलिएट मार्केटिंग, पैसिव इनकम का बेहतरीन जरिया है। बस अपने एफिलिएट लिंक को अपने कंटेंट में शामिल कर दीजिए। जब तक आपका कंटेंट लोगों का ध्यान आकर्षित करता रहता है, तब तक निरंतर आपके एफिलिएट लिंक से कुछ ना कुछ कमाई होती रहती है। इसमें आपकी कमाई आपके मार्केटिंग रणनीति पर निर्भर करता है।

5. असीमित आय की संभावनाएँ

एफिलिएट मार्केटिंग में आय की कोई सीमा नहीं है। आप जितने ग्राहकों को आकर्षित कर पाए, उतना ही अधिक कमाई कर पाते हैं। यह तो ऐसा बिजनेस मॉडल है जिसमें आप 1 घंटे में 100 करोड़ भी कमा सकते हैं।

6. अलग-अलग नीचे (Niche) में काम कर सकते हैं

एफिलिएट मार्केटिंग में आप अपने मर्जी के अनुसार अलग-अलग नीचे (niche) में काम कर सकते हैं। आप एक से अधिक नीचे में भी काम कर सकते हैं।

आपकी रुची चाहे फैशन मे हो या स्वास्थ्य पर, या फिर मनोरंजन पर, आप सभी विषय पर एफिलिएट मार्केटिंग कर सकते हैं।

एफिलिएट मार्केटिंग में चुनौतियां

क्योंकि एफिलिएट मार्केटिंग करियर का एक अच्छा विकल्प है, तो जाहिर सी बात है इसमें चुनौतियां भी होंगी। आईए उन चुनौतियों के बारे में भी थोड़ा जान लें:

1. प्रतियोगिता अधिक है

एफिलिएट मार्केटिंग करना आसान है, और बहुत फायदेमंद भी। ऊपर से इसमें निवेश भी बहुत कम है। इसलिए बहुत सारे लोग इस व्यवसाय मे घुस जाते हैं, इस कारण प्रतियोगिता बहुत ज्यादा है।

ऊपर से, इतने सारे लोग एफिलिएट मार्केटिंग करने के कारण, कन्वर्जन रेट कम हो जाता है। इसीलिए, अच्छे परिणाम पाने के लिए, आपको निरंतर अपने रणनीतियों में परिवर्तन करते रहना होता है।

2. कन्वर्जन दर पर निर्भरता

एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए आपके लिंक पर क्लिक करने वाले लोगों को प्रोडक्ट खरीदने के लिए प्रेरित करना आवश्यक होता है।

अब यह बड़ा मुश्किल काम है, क्योंकि आप किसी को बाध्य तो नहीं कर सकते कि वह आपके ही लिंक से सामग्री खरीदे, और बस ट्रैफिक लेकर आने से आपको कोई कमीशन नहीं मिलने वाला। खासकर जब आप एफिलिएट मार्केटिंग में नए होते हैं।

3. पेमेंट में देरी

कई एफिलिएट प्रोग्राम्स 30, 60, या 90 दिनों के बाद पेमेंट करते हैं, जिससे एफिलिएट्स को अपने कमीशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में, अगर ग्राहक अपने ऑर्डर को रद्द करता है या रिफंड लेता है, तो एफिलिएट को उस बिक्री पर कोई कमीशन नहीं मिलता।

4. ट्रैक करने की समस्याएं

कभी-कभी, एफिलिएट लिंक और कुकीज की ट्रैकिंग सही से नहीं होती, जिसके कारण एफिलिएट्स को कमीशन से वंचित रहना पड़ता है।

इसके अलावा, अगर ग्राहक कुकीज को डिलीट कर देता है या किसी दूसरे ब्राउजर से खरीदारी करता है, तो भी ट्रैकिंग में समस्या आ सकती है।

5. कमीशन दरों में उतार-चढ़ाव

कुछ एफिलिएट प्रोग्राम्स कमीशन दरों को बार-बार बदलते रहते हैं, जिससे एफिलिएट्स की कमाई पर असर पड़ता है। इसके अलावा, कई बार व्यापारी कमीशन की दरें घटा सकते हैं, जिससे एफिलिएट्स को कम आय प्राप्त होती है। कुल मिलाकर आपका इन बातों पर कोई नियंत्रण नहीं रहता।

6. ब्रांड और प्रोडक्ट की विश्वसनीयता

एफिलिएट मार्केटिंग में एक महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि एफिलिएट्स को अपने प्रमोट किए जाने वाले ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स की विश्वसनीयता पर ध्यान देना होता है। यदि आप किसी अविश्वसनीय या कम गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट को प्रमोट करते हैं, तो इससे आपके ऑडियंस के साथ आपके संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता पाने के लिए टिप्स

एफिलिएट मार्केटिंग में, सफलता प्राप्त करना, कोई आसान काम नहीं। हां पर इसमें पैसा बहुत है!

इसमें सफलता पाने के लिए आपकी रणनीति अच्छी होनी चाहिए, आपको निरंतर प्रयास करते रहना पड़ेगा।

साथ ही आपको मार्केट की बहुत अच्छी समझ होनी चाहिए। बदलते चीजों के साथ भी आपको अवगत रहना पड़ेगा।

एफिलिएट मार्केटिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स:

  1. नीचे ऐसा चुने जिसमें आपकी रुचि भी हो और बाजार में मांग भी। साथ ही, कम प्रतियोगिता वाले नीचे चुनना बेहतर है।
  2. जिस भी सामग्री का आप एफिलिएट मार्केटिंग करेंगे, उसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। वह सामग्री लोगों को वास्तविक वैल्यू दे पाए।
  3. उस सामग्री के बारे में अपने ऑडियंस को जानकारी दें, शिक्षित करें, उच्च स्तर के कंटेंट के जरिए ग्राहकों को उस सामग्री से होने वाले लाभ के बारे में बताएं।
  4. अपने प्रमोशन में पारदर्शिता रखें। इससे आप ऑडियंस का भरोसा जीत पाएंगे, और एफिलिएट मार्केटिंग में भरोसा ही सब कुछ है।
  5. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) आपके एफिलिएट कंटेंट को ऑनलाइन विज़िबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है। अगर आपकी वेबसाइट या ब्लॉग सर्च इंजनों पर उच्च स्थान पर है, तो आपको अधिक ट्रैफिक मिलेगा, जिससे अधिक कन्वर्ज़न की संभावना होती है।
  6. सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने एफिलिएट सामग्रियों को प्रमोट करें, वहां से बहुत अधिक ट्रैफिक मिलता है।
  7. नियमित रूप से एनालिटिक्स का एनालिसिस करें, आपको ऐसे बहुत सारी चीजें पता चलेगी जो एफिलिएट मार्केटिंग से आपकी कमाई को बहुत बड़ा सकता है।
  8. धैर्य ना खोयें, लंबे समय तक लगे रहें। आपको फायदा अवश्य होगा।

एफिलिएट मार्केटिंग का भविष्य

एफिलिएट मार्केटिंग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। दुनिया में आने वाले परिवर्तन जैसे कि AI, तथा लोगों का रुझान, आदि के कारण, यह इंडस्ट्री बहुत अधिक प्रगति कर सकता है। हमने अपने रिसर्च के आधार पर संभावनाओं को इस टेबल में दर्शाया है:

एफिलिएट मार्केटिंग मे भविष्य का रुझानविवरणअवसर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंगAI और मशीन लर्निंग एफिलिएट मार्केटिंग को अधिक व्यक्तिगत और लक्ष्य-आधारित बनाने में सहायक हो सकते हैं।AI-आधारित टूल्स का उपयोग कर कन्वर्जन दर बढ़ाने और विज्ञापन लागत को कम करने का मौका।
वीडियो कंटेंट का बढ़ता महत्ववीडियो कंटेंट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और यह एफिलिएट मार्केटिंग के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है।यूट्यूब, इंस्टाग्राम रील्स और फेसबुक लाइव के जरिए एफिलिएट लिंक प्रमोट कर सकते हैं।
पर्सनलाइजेशन और कस्टमाइजेशनग्राहकों की व्यक्तिगत पसंद और व्यवहार के आधार पर कंटेंट और प्रमोशन को कस्टमाइज करना।पर्सनलाइजेशन से कन्वर्जन दर में वृद्धि और ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने का अवसर।
इनफ्लुएंसर मार्केटिंग का विस्तारप्रभावशाली व्यक्तियों और ब्लॉगर्स के माध्यम से एफिलिएट प्रमोशन से अधिक पहुंच और विश्वसनीयता प्राप्त की जा सकती है।इनफ्लुएंसर्स के साथ पार्टनरशिप करके आपके ब्रांड की पहुंच और कन्वर्जन को बढ़ाने का अवसर।
मोबाइल-फ्रेंडली अनुभवमोबाइल उपकरणों के बढ़ते उपयोग के साथ, मोबाइल-फ्रेंडली कंटेंट बनाना महत्वपूर्ण हो गया है।मोबाइल एप्लिकेशन और विज्ञापन के माध्यम से एफिलिएट अभियानों की प्रभावशीलता को बढ़ाने का अवसर।
डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटीडेटा सुरक्षा और गोपनीयता की चिंताओं के चलते, एफिलिएट मार्केटिंग में भी इन चीजों की आवश्यकता हो गया है।डेटा सुरक्षा और ट्रांसपेरेंसी से ग्राहकों का विश्वास बढ़ाने का अवसर।
वॉयस सर्च और वॉयस कमांड्स का उपयोगवॉयस सर्च और वॉयस कमांड्स की बढ़ती लोकप्रियता एफिलिएट मार्केटिंग में नए अवसर ला रही हैवॉयस सर्च के लिए कंटेंट ऑप्टिमाइज कर वॉयस-एनेबल्ड डिवाइसेस पर अधिक पहुंच प्राप्त करने का अवसर।
सामाजिक जिम्मेदारी और ब्रांड वैल्यूउपभोक्ता अब उन ब्रांड्स को प्राथमिकता दे रहे हैं जो सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हैं।सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाने वाले ब्रांड्स को प्रमोट करके अपनी मार्केटिंग की साख बढ़ाने का अवसर

एफिलिएट मार्केटिंग में कानून और नैतिकता

एफिलिएट मार्केटिंग करते समय, आपको कुछ कानूनी बातों का भी ध्यान रखना पड़ेगा, वरना आप मुसीबत में पढ़ सकते हैं।

उचित तरीके से काम करना न केवल आपकी विश्वसनीयता को बनाए रखता है, बल्कि कानूनी समस्याओं से भी बचाता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण कानूनी और नैतिक पहलू हैं जिन पर एफिलिएट मार्केटर्स को ध्यान देना चाहिए:

एफिलिएट डिस्क्लोजर और पारदर्शिता

पारदर्शिता आवश्यक है। अपने ऑडियंस को यह बता के रखें कि आप एफिलिएट लिंक का प्रयोग कर रहे हैं और उससे आपको कमीशन की प्राप्ति होगी।

कैसे करें:

अपने कंटेंट, ब्लॉग पोस्ट, या सोशल मीडिया पोस्ट मे स्पष्ट रूप से डिस्क्लोजर शामिल करें कि आप एफिलिएट लिंक का उपयोग कर रहे हैं। यह आपको FTC (Federal Trade Commission) जैसे नियामक निकायों के नियमों के पालन में भी मदद करता है।

डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा

आपकी वेबसाइट या ब्लॉग पर उपयोगकर्ताओं का डेटा संग्रहीत करना संवेदनशील हो सकता है। इसके लिए डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा कानूनों का पालन करें।

कैसे करें:

सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट पर एक स्पष्ट प्राइवेसी पॉलिसी हो जो दर्शाती है कि आप उपयोगकर्ताओं के डेटा को कैसे संग्रहित और उपयोग करते हैं। डेटा सुरक्षा मानकों को लागू करें और सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग कर रही हो।

कानूनी अनुबंध और शर्तें

एफिलिएट प्रोग्राम्स और पार्टनरशिप्स के लिए कानूनी अनुबंध और शर्तों का पालन करना आवश्यक है। यह आपके और आपके एफिलिएट नेटवर्क के बीच स्पष्टता बनाए रखता है।

कैसे करें:

एफिलिएट प्रोग्राम्स में शामिल होने से पहले उनके नियम और शर्तें ध्यानपूर्वक पढ़ें। सुनिश्चित करें कि आप सभी कानूनी अनुबंधों और शर्तों से परिचित हैं और उनका पालन कर रहे हैं।

प्लेजर मार्केटिंग नियमों का पालन

विभिन्न देशों और क्षेत्रों में विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए अलग-अलग नियम होते हैं। इनका पालन न करना कानूनी समस्याओं का कारण बन सकता है।

कैसे करें:

अपने स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञापन नियमों और कानूनों को समझें। जैसे कि, EU के GDPR नियम या अमेरिका के CAN-SPAM अधिनियम, इन सभी नियमों का पालन करना सुनिश्चित करें।

स्पैम और फर्जी ट्रैफिक से बचाव

स्पैम ना करें और फर्जी ट्रैफिक से बचें। वरना आप अपनी एफिलिएट सदस्यता खो देंगे। एक बार आपका नाम खराब हो गया, तो संभव है दोबारा कोई आपको एफिलिएट बनाएगा ही नहीं।

कैसे करें:

सुनिश्चित करें कि आप ट्रैफिक बढ़ाने के लिए नैतिक और कानूनी तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। स्पैम तकनीकों जैसे कि अवैध ईमेल मार्केटिंग और फर्जी क्लिकिंग से बचें।

पैमेंट और कमीशन विवाद

अक्सर एफिलिएट मार्केटिंग में भुगतान और कमीशन संबंधी विवाद उत्पन्न होते रहते हैं, जिससे आपकी आय पर असर पड़ सकता है।

कैसे करें:

एफिलिएट प्रोग्राम के साथ सभी भुगतान शर्तों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट रूप से समझें। किसी भी विवाद की स्थिति में, तुरंत एफिलिएट नेटवर्क से संपर्क करें और समस्या का समाधान करने का प्रयास करें।

एफिलिएट मार्केटिंग में आम गलतियाँ और उनसे बचने के उपाय

एफिलिएट मार्केटिंग करना कोई ऐसा काम नहीं जिसमें निर्धारित रणनीतियां से काम किया जाए। इसमें कुछ भी निश्चित नहीं होता। इसीलिए नए-नए रणनीति का प्रयोग करना पड़ता है। फल स्वरुप अक्सर मार्केटर्स से सामान्य गलतियां हो जाती हैं।

यहां हमने मार्केटस के द्वारा होने वाली कुछ सामान्य गलतियां और उनके सुधार के उपाय बताए हैं।

1. कम गुणवत्ता या बिना मांग वाले सामग्री का प्रमोशन

कई बार एफिलिएट्स ऐसी सामग्री को प्रमोट करने लगते हैं जिनका बाजार मे कोई मांग ही नहीं है, या फिर जिसकी गुणवत्ता ही ठीक नहीं है।

लोगों को अच्छे गुणवत्ता वाले सामग्री ही चाहिए। ऊपर से जिस चीज की मांग ही नहीं उसे प्रमोट करेंगे तो खरीदेगा कौन?

उपाय:

हमेशा अपने ऑडियंस के पसंद के मुताबिक सामग्रियों को प्रमोट करें, जिनकी गुणवत्ता भी अच्छी होनी चाहिए।

प्रमोट करने से पहले, प्रोडक्ट्स की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि वे आपके ब्रांड के साथ मेल खाते हैं और उपयोगकर्ताओं के लिए फायदेमंद हैं।

2. उचित कीवर्ड रिसर्च ना करना

अधिकांश मार्केटर्स कीवर्ड रिसर्च पर अधिक ध्यान नहीं देते। वे नीचे के दूसरों को देखा-देखी काम करते हैं। इस कारण सर्च रिजल्ट (SERP) पर उनका कंटेंट ठीक से रैंक नहीं करता और उन्हें कम ट्रैफिक मिलता है।

याद रखिए, सर्च इंजन से जो ट्रैफिक आता है, वह बहुत ज्यादा टारगेटेड ट्रैफिक होता है, जिसके कन्वर्ट होने की संभावना अधिक होती है।

उपाय:

कीवर्ड रिसर्च अच्छे से करें, प्राप्त कीवर्ड का अपने कंटेंट में अच्छे से इस्तेमाल करें। गूगल एल्गोरिथम पर किए गए परिवर्तनों को समझते रहें और उस हिसाब से अपने कंटेंट को ऑप्टिमाइज करते रहें। जब आपका कंटेंट लोगों को ज्यादा दिखेगा तो आपके एफिलिएट लिंक से बिक्री भी अधिक होगी।

3. डिस्क्लोजर ना देना

कई बार एफिलिएट्स, एफिलिएट लिंक के बारे में डिस्क्लोजर नहीं देते। पारदर्शिता न होने के कारण ऑडियंस का भरोसा उन पर से उठ जाता है। कभी-कभी तो कानूनी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

उपाय:

अपने एफिलिएट लिंक के बारे में स्पष्ट रूप से डिस्क्लोजर प्रदान करें। यह सुनिश्चित करें कि आपके पाठक जान सकें कि आप कमीशन कमा रहे हैं और आपकी सिफारिशें निष्पक्ष और ईमानदार हैं।

4. कंटेंट की कमी

कई मार्केटर्स पर्याप्त कंटेंट उपलब्ध नहीं करते। या फिर नवीनीकरण के मुताबिक कंटेंट मुहैया नहीं करते। जिस कारण ऑडियंस का, तथा सर्च इंजंस का उन पर से रुझान कम हो जाता है।

उपाय:

नियमित रूप से नया और मूल्यवान कंटेंट बनाएं। पुराने पोस्ट्स और पेजों को समय-समय पर अपडेट करें ताकि वे ताजे और प्रासंगिक बने रहें।

5. नौसिखियों की तरह काम करना

कई एफिलिएट मार्केटर्स, एफिलिएट मार्केटिंग को सीरियसली नहीं करते। वे इसे किस्मत के भरोसे छोड़ देते हैं, इसे एक पेशेवर व्यवसाय की तरह नहीं करते।

उपाय:

एफिलिएट मार्केटिंग को एक व्यवसाय के रूप मे गंभीरता से लें। इसे व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करें, एक स्पष्ट रणनीति बनाएं, और परिणाम प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करें।

6. ऑडियंस की अवहेलना

कुछ एफिलिएट मार्केटर्स अपनी ऑडियंस की जरूरतों और प्राथमिकताओं पर ध्यान नहीं देते। उनके प्रश्नों के उत्तर तथा संदेह को दूर नहीं करते। ना तो उनके रुचियों का ध्यान रखते हैं और ना ही उनसे इंटरेक्ट करते हैं।

उपाय:

अपनी ऑडियंस की जरूरतों, रुचियों, और समस्याओं को समझें। ऑडियंस से फीडबैक प्राप्त करें और अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को उनके अनुरूप ढालें।

7. एक्सपेरिमेंट ना करना

कई बार मार्केटर्स अधिक सफलता के लिए एक्सपेरिमेंट नहीं करते, नई रणनीतियों को ट्राई नहीं करते। नई तकनीकों को अपनाने में असफल रहते हैं।

उपाय:

नवीनीकरण के मुताबिक अपने रणनीतियों को भी अपग्रेड करते रहे। नई तकनीकों को सीखें, लोगों के बदलते पसंद, ना पसंद, को समझें। इसके अलावा, बेहतर परिणाम पाने के लिए एक्सपेरिमेंट करें।

8. प्रोफेशनल डिजाइन और यूज़र एक्सपीरियंस की कमी

वेबसाइट या ब्लॉग का, या लैंडिंग पेज का, डिजाइन अच्छा नहीं होता, यूजर फ्रेंडली नहीं होता। जिस कारण कन्वर्जन नहीं हो पाता।

उपाय:

अपनी वेबसाइट का डिज़ाइन प्रोफेशनल और यूज़र-फ्रेंडली बनाएं। सुनिश्चित करें कि नेविगेशन सहज हो और वेबसाइट तेजी से लोड हो।

9. गलत ट्रैकिंग

कई एफिलिएट्स ट्रैकिंग पर ध्यान नहीं देते। या तो गलत तरीके से ट्रैक करते हैं, या फिर सीमित ट्रैकिंग करते हैं, जिस कारण उनके पास सटीक डाटा ही नहीं होता।

उपाय:

प्रभावी ट्रैकिंग टूल्स का उपयोग करें और सभी महत्वपूर्ण मैट्रिक्स (जैसे क्लिक, कन्वर्ज़न, और कमीशन) पर नजर रखें। इससे आप अपने अभियानों की सफलता का सही आकलन कर सकेंगे और सुधारात्मक कदम उठा सकेंगे।

निष्कर्ष

पैसे कमाने के लिए, एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) एक बहुत ही अच्छा तरीका है। फिर चाहे आपका ब्लॉग हो, या ना हो, आप इससे पैसे कमा सकते हैं।

आखिर क्या है एफिलिएट मार्केटिंग! किसी के एफिलिएट लिंक से, उसका वह सामग्री बिकवाना ही तो है! बदले मे आपको कुछ कमीशन मिल जाता है।

आपको बस कुछ ऐसे लोग चाहिएं जो आपके द्वारा प्रमोट किए गए एफिलिएट लिंक से खरीदारी करें। अब जिनके समाज में अच्छे संपर्क होते हैं, वे लोग तो सीधे ही अपने रिश्तेदार तथा मित्रों को प्रेरित कर लेते हैं उनके द्वारा प्रमोट किए गए एफिलिएट लिंक से ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए। अगर 100 लोग भी निरंतर आपके द्वारा दिए गए लिंक से खरीदारी करते हैं तो सोचिए आपकी कितनी अच्छी कमाई हो जाएगी।

जो सीधे तौर से ऑडियंस से नहीं जुड़ पाते, वे लोग ब्लॉग, या सोशल मीडिया अकाउंट, या पेज की मदद से दूसरे लोगों तक पहुंच कर एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं। आप पेड़ (paid) विज्ञापन चला कर भी एफिलिएट मार्केटिंग कर सकते हैं।

इस लेख मे हमने एफिलिएट मार्केटिंग से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा किया है, जैसे कि यह क्या है, इसके फायदे और नुकसान, इसे कैसे किया जाता है, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कानूनी सुविधाएं और असुविधाएं, तथा एफिलिएट मार्केटिंग करने के लिए कुछ बेहतरीन टिप्स। उम्मीद करता हूं एफिलिएट मार्केटिंग क्या है (Affiliate Marketing Kya Hai) अब आप अच्छे से समझ चुके होंगे।

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